Friday, July 24, 2015

DO YOU KNOW ABOUT INDIAN RAILWAY

India Railway


1.भारतीय रेलवे 16 अप्रैल 1853 को शुरू हुआ था, जिसकी पहली सेवा बॉम्बे (अब मुंबई) से थाने के लिए थी। भारतीय रेलवे ट्रैक की कुल लंबाई करीब 1,15,000 किलोमीटर है, जो 65,000 किलोमीटर के रूट पर है। भारत में इस समय करीब 7,500 रेलवे स्टेशन हैं।


2.भारत में पहली पैसेंजर ट्रेन 15 अगस्त 1854 में पश्चिमी भारत में हावड़ा से हुगली के लिए चली थी, जिसकी दूरी 24 मीटर थी।

3.इस समय भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस है, जिसकी अधिकतम स्पीड 150 किलोमीटर प्रति किलोमीटर है।

4.मेटुपाल्यम (Metupalayam) ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन भारत की सबसे धीरे चलने वाली ट्रेन है, जो 10 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलती है।

5.भारतीय रेलवे हर रोज करीब 11,000 ट्रेन चलाती है, जिनमें से 7000 पैसेंजर ट्रेन हैं। दुनिया के सबसे बड़े रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल है।

6.14 लाख से भी अधिक कर्मचारियों के साथ भारतीय रेलवे दुनिया का नवां सबसे बड़ा कॉमर्शियल एंप्लॉयर है।

7.2,733 फुट की दूरी के साथ पश्चिम बंगाल का खड़गपुर रेलवे स्टेशन सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है।

8.भारत का सबसे बड़ा रेल ब्रिज वेम्बानाद (Vembanad) रेल ब्रिज है, जिसकी लंबाई 4.62 किलोमीटर है।

9.भारत का सबसे बड़ा टनल कार्बुडे (Karbude) टनल है, जो कोंकण रेलवे रूट में है। इसकी दूरी 6.5 किलोमीटर है।

10.डिब्रुगढ़ और कन्याकुमारी के बीच चलने वाली ट्रेन विवेक एक्सप्रेस भारत के सबसे लंबे रूट पर चलने वाली ट्रेन है। यह कुल मिलाकर 4,286 किलोमीटर की दूरी 82 घंटे और 30 मिनट में पूरी करती है।

11.हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस 115 स्टॉप के साथ सबसे अधिक रुकने वाली ट्रेन है। भारतीय रेलवे ने नई दिल्ली में कंप्यूटराइज सिस्टम 1986 में शुरू कर दिया था।

12.रेलवे में 2,39,281 फ्रेट वेगन, 59,713 पैसेंजर कोच और 9,549 लोकोमोटिव (इंजन) हैं।

13.डार्जलिंग हिमालयन रेलवे को यूनेस्को की तरफ से वर्ल्ड हेरिटेज का स्टेटस दिया गया है।

14.सबसे पुराना अभी भी चलने वाला स्टीम इंजन है फेयरी क्वीन, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है। मार्च 2000 में इसे बर्लिन के इंटरनेशनल टूरिस्ट ब्यूरो से हेरिटेज अवार्ड भी मिल चुका है।

15.भारतीय रेलवे हर रोज 25 लाख से भी अधिक यात्रियों को सेवाएं देता है।

16.दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज चेनाब (Chenab) ब्रिज है, जिसका निर्माण जम्मू और कश्मीर में चेनाब नदी पर बनाया गया है।

17.ट्रेन में टॉयलट सबसे पहले वर्ष 1891 में बनाया गया। इसके बाद  वर्ष 1907 में लोअर क्लास ट्रेनों में शौचालय की व्यवस्‍था की गई है।

18.पहली रेलवे टनल पारस‌िक में बनी थी। पहल इलेक्ट्रिक ट्रेन 3 फरवरी 1925 में बॉम्बे वीटी और कुर्ला के बीच चली थी।

19.भारत में सबसे पहली ट्रेन ब्रिटिश शासन काल में बॉम्बे से थाणे के लिए चली थी।

20.पहला रेलवे ब्रिज दापुरी वायडक्‍ट मुंबई-थाने रूट पर बना था।

Tuesday, May 26, 2015

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Monday, May 4, 2015

Gharelu Nuskhe or Ayurvedic Tips.

 Ayurvedic Tips and Nuskhe




आयुर्वेद में बताए गए नुस्खे हमारे स्वास्थ्य के बहुत फायदेमंद हैं और इनसे किसी प्रकार का साइड इफेक्ट होने की संभावनाएं भी काफी कम रहती हैं। आयुर्वेद के अनुसार घर में मिलने वाली कई साधारण चीजें दवा की तरह काम करती हैं। इन साधारण चीजों में लहसुन, बादाम, दूध, हल्दी, जीरा, अजवाइन आदि शामिल हैं। यहां जानिए घर में मिलने वाली इन सामान्य चीजों का किस प्रकार उपयोग करने से कौन-कौन सी बीमारियां दूर हो सकती हैं...

1. दूध की मलाई और बारीक पिसी हुई मिश्री को एक साथ मिलाएं और इसका सेवन नियमित रूप से करें। ऐसा करने पर कमजोरी दूर होती है और शरीर बलवान होता है। चेहरे पर रौनक बनी रहती है।

2. यदि आपकी त्वचा रूखी और बेजान दिखाई देती है तो ये नुस्खा अपनाएं। जौ का आटा, हल्दी, सरसो का तेल पानी में मिलाकर उबटन बनाएं। इस उबटन को चेहरे पर लगाएं और कुछ समय बाद साफ पानी से चेहरा धो लें। इस प्रकार नियमित रूप से करते रहे। आपका चेहरा चमकने लगेगा।

3. यदि सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित हैं तो नाक में 2 बूंद सरसों का तेल डालें और दूध में हल्दी मिलाकर पिएं, इससे शीघ्र आराम मिलता है।

4. कमजोरी के दूर करने के लिए यह उपाय करें। सफेद मूसली या धोली मूसली का चूर्ण बनाएं। यह चूर्ण एक चम्मच और एक चम्मच पिसी मिश्री मिलाएं। सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ पीएं। ऐसा करने पर कमजोरी दूर हो जाती है।

5. नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाएं, इससे रूसी एवं खुश्की से छुटकारा मिलता है।

6. रोज सुबह नींबू और शहद को गुनगुने पानी में डालकर पीएं। इससे शरीर का अतिरिक्त फैट कम हो जाता है।

7. आंवले का मुरब्बा का सेवन नियमित रूप से करते रहेंगे तो सभी प्रकार की कमजोरी दूर हो जाएगी।

8. गैस की समस्या हो तो यह नुस्खा अपनाएं। अजवाइन और जीरा समान मात्रा में एक साथ भून लें। इसके बाद इस मिश्रण को पानी में उबाल कर छान लें और छने हुए पानी में चीनी मिलाकर पिएं। ऐसा करने पर एसिडिटी से राहत मिलती है।

9. शारीरिक ताकत बढ़ाने के लिए रोज रात को सोने से पहले लहसुन की दो कलियां निगल लें। फिर थोड़ा-सा पानी पिएं। ऐसा नियमित रूप से करें।

10. शक्ति बढ़ाने के लिए आंवले के चूर्ण में मिश्री पीसकर मिलाएं। इस मिश्रण को प्रतिदिन एक चम्मच मात्रा में रात को सोने से पहले ग्रहण करें। इसके बाद थोड़ा-सा पानी पिएं।

11. रोजाना नहाने से पहले शरीर पर तथा चेहरे पर तेल मालिश करें और मालिश करने के बाद गुनगुने पानी से स्नान करें। ऐसा करने आपकी त्वचा में निखार आ जाएगा। दूध में केसर मिलाकर पीएं, रंग-रूप निखर जाएगा।

12. नारियल की गिरी में बादाम, अखरोट एवं मिश्री मिलाकर सेवन करने से याददाश्त बढ़ती है।

13. पुदीना सिरदर्द की समस्या में एक रामबाण औषधि माना जाता है। पुदीने का रस थोड़ी मात्रा में लिया जाए या पुदीने की चाय पी जाए तो सिरदर्द में तुरंत राहत मिलती है। इसके अलावा अगर सिरदर्द बहुत ज्यादा तेज हो तो पुदीना का तेल हल्के हाथों से सिर पर लगाने से सिरदर्द बंद हो जाता है।

14. यदि आप बालों की रूसी और बाल झड़ने से बहुत परेशान हैं तो यह नुस्खा अपनाएं। अमरबेल के पौधे से रस तैयार करें और फिर इसे सिर पर लगाएं। ऐसा प्रतिदिन करें। कुछ ही दिनों में बालों की समस्याएं दूर हो जाएंगी।

15. यदि कोई चोट लगी हो और वह पक जाए तो यह नुस्खा अपनाएं। आंकड़े की पत्तियां लेकर आएं और इसकी सतह पर सरसों का तेल लगाएं। इसके बाद ये पत्तियां घाव पर लगाएं। ऐसा करने पर जल्दी ही घाव का मवाद बाहर निकल जाएगा। साथ ही, इस उपाय से घाव जल्दी सूखने लगता है।

16. मुंह के छालों से मुक्ति चाहिए तो यह उपाय करें। दिन में कम से कम तीन बार कच्चे दूध से अच्छी तरह गरारे करें, जलन शांत हो जाएगी और छाले ठीक होने लगेंगे।

Friday, February 20, 2015

GOD SHIVA 108 Name With Meaning

आइए जानें भगवान शिव के 108 नाम
भगवान शिव को अनेकों नाम से जाना जाता है। पढिए उनमे से उनके मुख्य 108 नाम।


1. शिव- कल्याण स्वरूप

2. महेश्वर- माया के अधीश्वर

3. शम्भू- आनंद स्स्वरूप वाले

4. पिनाकी- पिनाक धनुष धारण करने वाले

5. शशिशेखर- सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले

6. वामदेव- अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले

7. विरूपाक्ष- भौंडी आंख वाले

8. कपर्दी- जटाजूट धारण करने वाले

9. नीललोहित- नीले और लाल रंग वाले

10. शंकर- सबका कल्याण करने वाले

11. शूलपाणी- हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले

12. खटवांगी- खटिया का एक पाया रखने वाले

13. विष्णुवल्लभ- भगवान विष्णु के अतिप्रेमी

14. शिपिविष्ट- सितुहा में प्रवेश करने वाले

15. अंबिकानाथ- भगवति के पति

16. श्रीकण्ठ - सुंदर कण्ठ वाले

17. भक्तवत्सल- भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले

18. भव- संसार के रूप में प्रकट होने वाले

19. शर्व - कष्टों को नष्ट करने वाले

20. त्रिलोकेश- तीनों लोकों के स्वामी

21. शितिकण्ठ - सफेद कण्ठ वाले

22. शिवाप्रिय- पार्वती के प्रिय

23. उग्र- अत्यंत उग्र रूप वाले

24. कपाली- कपाल धारण करने वाले

25. कामारी - कामदेव के शत्रु

26. अंधकारसुरसूदन - अंधक दैत्य को मारने वाले

27. गंगाधर - गंगा जी को धारण करने वाले

28. ललाटाक्ष - ललाट में आँख वाले

29. कालकाल- काल के भी काल

30. कृपानिधि - करूणा की खान

31. भीम - भयंकर रूप वाले

32. परशुहस्त - हाथ में फरसा धारण करने वाले

33. मृगपाणी - हाथ में हिरण धारण करने वाले

34. जटाधर - जटा रखने वाले

35. कैलाशवासी - कैलाश के निवासी

36. कवची- कवच धारण करने वाले

37. कठोर- अत्यन्त मजबूत देह वाले

38. त्रिपुरांतक - त्रिपुरासुर को मारने वाले

39. वृषांक - बैल के चिह्न वाली झंडा वाले

40. वृषभारूढ़- बैल की सवारी वाले

41. भस्मोद्धूलितविग्रह - सारे शरीर में भस्म लगाने वाले

42. सामप्रिय - सामगान से प्रेम करने वाले

43. स्वरमयी - सातों स्वरों में निवास करने वाले

44. त्रयीमूर्ति - वेदरूपी विग्रह करने वाले

45. अनीश्वर - जिसका और कोई मालिक नहीं है

46. सर्वज्ञ - सब कुछ जानने वाले

47. परमात्मा - सबका अपना आपा

48. सोमसूर्याग्निलोचन - चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आँख वाले

49. हवि - आहूति रूपी द्रव्य वाले

50. यज्ञमय - यज्ञस्वरूप वाले

51. सोम - उमा के सहित रूप वाले

52. पंचवक्त्र - पांच मुख वाले

53. सदाशिव - नित्य कल्याण रूप वाले

54. विश्वेश्वर - सारे विश्व के ईश्वर

55. वीरभद्र - बहादुर होते हुए भी शांत रूप वाले

56. गणनाथ - गणों के स्वामी

57. प्रजापति - प्रजाओं का पालन करने वाले

58. हिरण्यरेता - स्वर्ण तेज वाले

59. दुर्धुर्ष - किसी से नहीं दबने वाले

60. गिरीश - पहाड़ों के मालिक

61. गिरिश - कैलाश पर्वत पर सोने वाले

62. अनघ - पापरहित

63. भुजंगभूषण - सांप के आभूषण वाले

64. भर्ग - पापों को भूंज देने वाले

65. गिरिधन्वा - मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले

66. गिरिप्रिय - पर्वत प्रेमी

67. कृत्तिवासा - गजचर्म पहनने वाले

68. पुराराति - पुरों का नाश करने वाले

69. भगवान् - सर्वसमर्थ षड्ऐश्वर्य संपन्न

70. प्रमथाधिप - प्रमथगणों के अधिपति

71. मृत्युंजय - मृत्यु को जीतने वाले

72. सूक्ष्मतनु - सूक्ष्म शरीर वाले

73. जगद्व्यापी - जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले

74. जगद्गुरू - जगत् के गुरू

75. व्योमकेश - आकाश रूपी बाल वाले

76. महासेनजनक - कार्तिकेय के पिता

77. चारुविक्रम - सुन्दर पराक्रम वाले

78. रूद्र - भक्तों के दुख देखकर रोने वाले

79. भूतपति - भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी

80. स्थाणु - स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले

81. अहिर्बुध्न्य - कुण्डलिनी को धारण करने वाले

82. दिगम्बर - नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले

83. अष्टमूर्ति - आठ रूप वाले

84. अनेकात्मा - अनेक रूप धारण करने वाले

85. सात्त्विक - सत्व गुण वाले

86. शुद्धविग्रह - शुद्धमूर्ति वाले

87. शाश्वत - नित्य रहने वाले

88. खण्डपरशु - टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले

89. अज - जन्म रहित

90. पाशविमोचन - बंधन से छुड़ाने वाले

91. मृड - सुखस्वरूप वाले

92. पशुपति - पशुओं के मालिक

93. देव - स्वयं प्रकाश रूप

94. महादेव - देवों के भी देव

95. अव्यय - खर्च होने पर भी न घटने वाले

96. हरि - विष्णुस्वरूप

97. पूषदन्तभित् - पूषा के दांत उखाडऩे वाले

98. अव्यग्र - कभी भी व्यथित न होने वाले

99. दक्षाध्वरहर - दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले

100. हर - पापों व तापों को हरने वाले

101. भगनेत्रभिद् - भग देवता की आंख फोडऩे वाले

102. अव्यक्त - इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले

103. सहस्राक्ष - अनंत आँख वाले

104. सहस्रपाद - अनंत पैर वाले

105. अपवर्गप्रद - कैवल्य मोक्ष देने वाले

106. अनंत - देशकालवस्तुरूपी परिछेद से रहित

107. तारक - सबको तारने वाला

108. परमेश्वर - सबसे परे ईश्वर



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Monday, February 2, 2015

SBI Account Aadhaar Card Linking Type

TIPS FOR LINKING ADHAAR CARD WITH SBI ACCOUNT

आप एसबीआई बैंक की किसी ब्रांच के ग्राहक हैं और आपके पास एटीएम कार्ड है तो बैंक एकाउंट को एटीएम कार्ड के जरिए ही आधार नंबर से लिंक कर सकते हैं। एसबीआई ने अपने ग्राहकों को सुविधा देने यह योजना पूरे देश में एक साथ शुरू की है। ये सुविधा आज से पूरे देश में लागू की गई है।

डायरेक्ट बेनीफिट टू ट्रांसफर एलपीजी (डीबीटीएल) गैस सब्सिडी स्कीम का लाभ लेने लोगों को एकाउंट नंबर को आधार नंबर से लिंक करवाने को कहा जा रहा है। लोगों को इसमें कई तरह की दिक्कतें रही हैं। उन्हें फार्म भरकर बैंक में देना पड़ता है। इसके बाद वहां से लिंक किया जाता है। कई ग्राहक जानबूझकर या गलती से सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। बैंक में पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। बैंक ने समस्या से निपटने के लिए पेंडेंसी खत्म करने का तरीका खोज लिया है। बैंक ने ग्राहकों से कहा है कि अब वे एटीएम कार्ड और ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए अपने एकाउंट नंबर को आधार नंबर से लिंक कर सकते हैं। बैंक में भी आधार लिंक करवा सकते हैं।



मैसेज की सुविधा भी मौजूद


आपका मोबाइल नंबर बैंक में रजिस्टर्ड है तो आप मैसेज बॉक्स में जाकर कैपिटल में यूआईडी टाइप करें, स्पेस देकर आधार नंबर टाइप करें, फिर से स्पेस दें और एकाउंट नंबर टाइप कर 567676 पर भेज दें। आधार नंबर एकाउंट नंबर से लिंक होने के बाद आपके मोबाइल पर मैसेज आएगा।

ऑनलाइन बैंकिंग से जोड़ें अपना आधार नंबर

अपने एकाउंट को आधार नंबर से सम्बद्ध करने ग्राहक एसबीआई ऑनलाइन बैंकिंग एकाउंट को खोलकर लिंक ‘अपने आधार नंबर को लिंक करें’ का इस्तेमाल करें, जो कि ऑनलाइन बैंकिंग स्क्रीन के लैंडिंग पेज पर बायीं ओर उपलब्ध है।

एटीएम से ऐसे करें लिंक

ग्राहक अपने एटीएम कार्ड को किसी एसबीआई एटीएम में स्वाइपर करें, पिन डालने के बाद रजिस्ट्रेशन लिंक ऑप्शन पर क्लिक करें और अपने एकाउंट को आधार नंबर से सम्बद्ध करने के लिए लिंक आधार रजिस्ट्रेशन” का इस्तेमाल करें। फिर अपना आधार नंबर टाइप कर दें। इससे आधार लिंक हो जाएगा।

GOOGLE CHROME

Friday, January 16, 2015

9 Tips For Make Computer Faster

Make Computer And Laptop Faster

पीसी के स्लो होने पर काम में परेशानी आना लाजमी है। माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में डॉक्युमेंट्स डिजाइन करने हों या फिर VLC मीडिया प्लेयर में मूवीज देखनी हो, अगर किसी का सिस्टम स्लो है तो आम तौर पर लोगों को चिढ़ होने लगती है। ऐसे में कई बार कम्प्यूटर फॉर्मेट करना पड़ता है। कई बार कुछ आसान सी टिप्स फॉलो करके अपने सिस्टम की स्पीड को बूस्ट किया जा सकता है।


स्टार्ट अप करें कम-

कई बार लोग अपने सिस्टम पर स्टार्ट अप प्रोग्राम्स को ज्यादा इंस्टॉल कर लेते हैं। ऐसा करने से कम्प्यूटर की स्पीड कम होती है। जिन लोगों को स्टार्ट अप के बारे में नहीं पता उन्हें बताते चलें कि ये ऐसे प्रोग्राम होते हैं जो कम्प्यूटर के ऑन होने पर ऑटोमैटिकली ऑन हो जाते हैं। इसमें कई विजेट्स जैसे एनालॉग क्लॉक, स्क्रीन न्यूज फीड, जी-टॉक, स्काइप, बिट टोरेंट जैसे प्रोग्राम शामिल होते हैं जिन्हें यूजर्स अक्सर इस्तेमाल करते हैं।

कैसे करें अनइंस्टॉल-

* स्टार्ट मेनु पर जाएं और रन कमांड चुने या फिर 'windows key + R' क्लिक करें
* जो विंडो ओपन होगी उसमें "msconfig" लिखकर एंटर बटन दबाएं
* यहां से स्टार्ट अप (Start Up) टैब पर क्लिक करें और जिन प्रोग्राम्स का इस्तेमाल नहीं करना उन्हें लिस्ट से हटा दें।

C ड्राइव को रखें खाली-
कम्प्यूटर में C ड्राइव सबसे जरूरी ड्राइव होती है। हार्ड डिस्क के इस हिस्से में सभी जरूरी सॉफ्टवेयर्स रहते हैं जिनके बिना आपका सिस्टम चल नहीं पाएगा। इस ड्राइव में ज्यादा डाटा ना रखें। जो गैर जरूरी प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर हैं उन्हें किसी और ड्राइव में इंस्टॉल करें। कोई भी पर्सनल डाटा ना तो C ड्राइव में रखें।

गेमिंग कम्प्यूटर के लिए करें ग्राफिक्स ड्राइवर अपग्रेड - अगर आप HD गेमिंग के शौकीन हैं तो थोड़ा सा तकनीकी, लेकिन काम का उपाय आपके स्लो पीसी को फास्ट बना सकता है। गेमर्स के लिए सबसे जरूरी है कि वो अपने पीसी के ड्राइवर्स अपग्रेड करते रहें। ड्राइवर्स वो खास प्रोग्राम होते हैं जो किसी हार्डवेयर को चलाने का काम करते हैं। पीसी खरीदते समय जो ड्राइवर्स आते हैं वो कुछ समय बाद पुराने हो जाते हैं।  अपने हार्डवेयर के हिसाब से किसी वेंडर से ड्राइवर अपडेट किए जा सकते हैं। पीसी में AMD, nVidia या इंटेल जिसका भी ग्राफिक्स प्रोसेसर हो उसके हिसाब से वेंडर से ड्राइवर भी अपग्रेड करवा लें। ऐसे में गेम खेलते समय कभी भी पीसी हैंग नहीं होगा।

ना रखें एक से ज्यादा एंटीवायरस -
आज के जमाने में वायरस के कारण एंटीवायरस जरूरी है, लेकिन पीसी के हिसाब से सिर्फ एक रजिस्टर्ड एंटीवायरस ही काफी रहता है। ऐसे में दो प्रोग्राम या अलग के कोई फायरवॉल प्रोग्राम इंस्टॉल करने पर पीसी स्ले हो जाता है। एंटीवायरस या फायरवॉल जैसे प्रोग्राम बहुत पावर लेते हैं ऐसे में दो प्रोग्राम्स एक साथ काम करेंगे तो स्पीड कम होगी।

करप्ट फाइल स्कैन करें -
कम्प्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम हमेशा पीसी की सिस्टम फाइल्स में बदलाव करता रहता है। इनमें कई फाइल्स ऐसी होती हैं जो सिस्टम अपडेट के बाद करप्ट हो जाती हैं। ऐसी फाइल्स यूजर्स के काम की नहीं होती हैं, लेकिन फिर भी सिस्टम में जगह घेरे रहती हैं। ऐसी फाइल्स को डिलीट किया जा सकता है या फिर रिपेयर किया जा सकता है।

करप्ट फाइल्स को चेक करने के लिए-

Control panel> programs> uninstall or change programs
में जाएं। इसके बाद "System File Checking" की मदद से करप्ट फाइल्स पीसी से हटाई जा सकती हैं या फिर इन्हें रिपेयर किया जा सकता है।

हार्डवेयर का रखें ध्यान - अगर आपका पीसी बहुत पुराना हो चुका है तो उसकी स्पीड बढ़ाने के लिए हार्डवेयर बदलना भी जरूरी हो जाएगा। मसलन पीसी की रैम बढ़ाई जा सकती है। केबल बदले जा सकते हैं। कई बार ज्यादा पुराने पीसी में पोर्ट्स जाम हो जाते हैं। अगर बार-बार पीसी हैंग हो रहा है तो किसी टेक्नीशियन को बुला कर हार्डवेयर की जांच करवा लें। एक बार सॉफ्टवेयर को भी जांच लें। मसलन अगर आप विंडोज XP का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसकी जगह विंडोज 7 या 8 इंस्टॉल करा सकते हैं।

डेस्कटॉप रखें साफ - अगर आप पीसी की स्पीड बूस्ट करना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि अपना डेस्कटॉप साफ रखें। जितनी ज्यादा फाइल्स डेस्कटॉप में सेव होंगी उतनी ही ज्यादा मेमोरी स्पेस खर्च होगी क्योंकि डेस्कटॉप हमेशा काम करता रहता है। डेस्कटॉप पर सेव की हुई फाइल्स कम्प्यूटर की C ड्राइव का हिस्सा बन जाती हैं और इससे ज्यादा रैम खर्च होती है। इसलिए फाइल्स को डेस्कटॉप में सेव करने की जगह ड्राइव्स में सेव करके रखें।

रजिस्टर्ड एंटीवायरस का इस्तेमाल - इंटरनेट की मदद से पीसी में ढेरों वायरस और मालवेयर आ जाते हैं। इनकी वजह से पीसी की स्पीड धीमी हो जाती है। इसके लिए हमेशा रजिस्टर्ड एंटीवायरस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और हर हफ्ते या महीने में पीसी का फुल स्कैन करना जरूरी है।

बेकार सॉफ्टवेयर और वीजुअल्स हटा दें - पीसी में ऐसे कई सॉफ्टवेयर्स सेव रहते हैं जिनका उपयोग कभी नहीं किया जाता फिर भी मेमोरी स्पेस घेरे रहते हैं। अगर पीसी की इंटरनल मेमोरी कम है तो ऐसे सॉफ्टवेयर्स को हटा देना चाहिए। इसी के साथ, अगर आप एनिमेशन इफेक्ट्स या वीजुअल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं और लाइव स्क्रीन सेवर जैसी चीजें पसंद हैं तो ये भी पीसी को धीमा करने के लिए जिम्मेदार हैं। अगर आपके पीसी की मेमोरी कम है तो इनका इस्तेमाल ना करें।

Wednesday, January 7, 2015

अब मात्र 10 दिन में बनवाए अपना आपका PASSPORT, ये है नया तरीका

 कैसा बनाये ऑनलाइन पासपोर्ट

पासपोर्ट बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब सिर्फ 10 दिन में पासपोर्ट बन सकता है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और इसके लिए डॉक्यूमेंट्स की लिस्टिंग करना भी जरूरी नहीं है। अपने डॉक्यूमेंट्स आवदेक ऑनलाइन समिट कर सकता है। साथ ही आइडेंटिटी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ जैसे तमाम डॉक्यूमेंट की जगह सिर्फ एक आधार कार्ड से काम हो जाएगा। आवेदन करते ही आपको अपने अनुसार अगले 3 दिनों में अपॉइनमेंट फिक्स करना है। इसके ठीक 7 दिन बाद आपका पासपोर्ट आपके हाथ में होगा। यानी कुल मिलाकर सिर्फ 10 दिनों की प्रक्रिया में आपका पासपोर्ट आपके हाथ में होगा। पासपोर्ट के लिए आधार कार्ड को पासपोर्ट के लिए जनवरी से जरूरी कर दिया है।

क्यों जरूरी है आधार

सरकार ने आधार की प्रक्रिया से आवेदक की आपराधिक गति‍वि‍धि‍यों के सत्यापन की प्रणाली स्थापित करने की कोशिश की है। नई प्रक्रिया के तहत यदि कोई पासपोर्ट के लिए आवेदन करता है और उसके पास आधार कार्ड नहीं है तो पहले उसे आधार कार्ड बनवाना पड़ सकता है।

क्यों होती थी देरी

दरअसल, सरकार के पास पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन के संबंध में लगातार शिकायतें आती हैं और इसके चलते पासपोर्ट जारी करने में देरी होती है। आवेदक को सुविधा देने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने यह निर्णय लिया है। हम आपको बता रहे हैं कि आवेदक किस तरह अपने पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है और सिर्फ 10 दिन में अपना पासपोर्ट हासिल कर सकता है।

स्टेप-1- पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करें

सबसे पहले पासपोर्ट सेवा पोर्टल की वेबसाइट http://www.passportindia.gov.in/AppOnlineProject/welcomeLink पर जाएं। पेज पर आपको register now के लिंक पर क्लिक करें। नए यूजर होने के चलते खुद को रजिस्टर करें। इसमें अपनी डिटेल्स भरें। जैसे की आपका पासपोर्ट कार्यालय कौन सा है। डेट ऑफ बर्थ और ई-मेल आईडी। ई-मेल आईडी पर आपको लॉगिन आईडी मिल जाएगी। इसके बाद आपको फिर से होम पेज पर वापस आना होगा।

स्टेप-2- लॉगिन करें

ई-मेल पर आए लिंक पर क्लिक करके अपने अकाउंट को एक्टिवेट करें। इसके बाद यूजर आईडी भरें और फिर पासवर्ड डालें। लॉगिन होने के बाद आपको अप्लाई फॉर फ्रेश पासपोर्स (Apply For Fresh Passport) या री इश्यू ऑफ पासपोर्ट (Re-issue of Passport) लिंक पर क्लिक करना होगा। क्लिक करने के बाद 2 पार्ट होंगे। दोनों में आपको यदि ऑनलाइन बनवाना है तो दूसरे ऑप्शन पर क्लिक करें।

स्टेप-3- विकल्प चुनें

अगर आप पहली बार पासपोर्ट के आवेदन कर रहे हैं तो इसके लिए अप्लाई फॉर फ्रेश पासपोर्ट (Apply For Fresh Passport) पर क्लिक करना होगा।
अप्लाई फॉर फ्रेश पासपोर्ट पर क्लिक करने के आपके सामने कई सारे फॉर्म आएंगे, इनमें आपकी जानकारी मांगी जाएगी। इन सभी फॉर्म को सही से भरें। ध्यान रहे कि फॉर्म भरने में गलती न हो, क्योंकि एक बार पासपोर्ट की प्रक्रिया रिजेक्ट होने पर दोबारा पासपोर्ट के लिए आवेदन करने में समय लग सकता है। इससे समय की बर्बादी होती है।

स्टेप-4- फैमिली डिटेल्स भरें

अपनी डिटेल्स भरने के बाद आपको इसे सेव करना होगा। सेव करने के बाद आप इस पेज को यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर कभी भी खोल सकते हैं। इसके बाद अगले पेज पर क्लिक करके आगे का पेज खुलेगा, जिसमें आपको अपनी फैमिली डिटेल्स भरनी होंगी। इसे भी सेव करके आप अगले पेज पर बढ़ सकते हैं। इसके बाद एड्रेस की डिटेल्स भरनी होंगी। इसे भी सेव कर दें। इसके बाद एमरजेंसी कॉन्टेक्ट डिटेल्स भरनी होंगी।

स्टेप-5- भुगतान और मिलने का समय निर्धारण

‘व्यू सेव्ड/सबमिटेड एप्लिकेशन्स’ (View Saved/Submitted Applications) स्क्रीन पर ‘पे एंड शेड्यूल अप्वाइंटमेंट’ (Pay and Schedule Appointment) लिंक पर क्लिक करें और अपना अप्वाइंटमेंट, यानी मिलने का समय बुक करें।
फॉर्म सबमिट करने के बाद आपके सामने एक विंडो खुलेगी जहां पर आपको पासपोर्ट बनवाने की राशि का भुगतान करना होता है। यह भुगतान आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या फिर एसबीआई बैंक के चालान से कर सकते हैं।

स्टेप-6- प्रिंट लें एप्लिकेशन रिसीप्ट

सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रिंट एप्लिकेशन रिसीप्ट लिंक पर क्लिक करके एप्लिकेशन को प्रिंट करें। इसमें आपका एप्लिकेशन रेफेरेंस नंबर और अप्वाइंटमेंट नंबर होता है।

स्टेप-7- ओरिजनल डॉक्यूमेंट ले जाएं साथ

जहां पर भी आपका अप्वाइंटमेंट बुक किया गया है वहां के पासपोर्ट सेवा केन्द्र में अपने असली डॉक्यूमेंट्स के साथ जाएं। बस इसके ठीक एक सप्ताह के अंदर आपका पासपोर्ट में आपकी घर होगा। इसकी कॉपी आप ऑनलाइन भी निकाल सकते हैं।

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